क्या दिल्ली के सिनेमा हॉल में ले जा सकेंगे बाहर की खाने-पीने की चीजें? HC पहुंचा मामला

नई दिल्ली । सिनेमा हॉल के अंदर बाहर से खाने व पीने की चीजें ले जाने की मांग करते हुए दायर की गई जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस व सिनेमा हॉल मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सिनेमा हॉल के भीतर बाहर से खाने-पीने की चीजें ले जाने से रोके जाने पर अधिवक्ता एकता सिंह ने जनहित याचिका दायर की है।

याची ने कहा कि जंगपुरा के सिनेमा हॉल में पानी की बोतल और खाने की चीजें ले जाने से उन्हें रोका गया, जबकि वहां 10-20 रुपये में मिलने वाली चीजों के लिए अधिक दाम वसूला जाता है। याची ने कहा कि 10 रुपये में मिलने वाला पॉपकॉर्न सिनेमा हॉल में 200 रुपये से भी अधिक में बेचा जाता है, जोकि सही नहीं है।

इतना ही नहीं, वहां पर कोल्डडिंक व अन्य खाद्य पदार्थो की कीमत भी बहुत ज्यादा होती है। ज्ञात हो कि इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट भी कह चुका है कि फिल्म देखने सिनेमा हॉल में जाने वाले दर्शकों से खाने-पीने की चीजों के मनमाने रेट (मूल्य) नहीं वसूले जाने चाहिए।

यहां पर बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सिनेमा हॉल में बाहर से खाने-पीने की चीजें ले जाने की अनुमति प्रदान की है। वहीं, कुछ लोग सरकार के इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे सुरक्षा का सवाल पैदा होने के साथ-साथ फिल्मों के प्रति उत्साही लोगों की सिरदर्दी बढ़ जाएगी। कहा जा रहा है कि खाद्य पदार्थों को लेकर आपत्ति जताने पर लोग झगड़ेंगे। इससे सुरक्षा कर्मियों का काम बढ़ जाएगा और हवाई अड्डे की तरह एक या दो घंटे पहले सुरक्षा जांच के लिए आना होगा, जो व्यावहारिक नहीं है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने की 22 जुलाई को मल्टीप्लेक्स को चेतावनी दी थी कि सिनेमा देखने आने वालों को घर का खाना या बाहर से खाद्य पदार्थ साथ लाने के लिए रोकने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।