अटल की अंतिम यात्रा पर उमड़ा जनसैलाब, पैदल चल रहे हैं मोदी

नई दिल्ली । भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन ‘अटल’ व्यक्तित्व वाले वाजपेयी हमेशा देशवासियों की यादों में अमर रहेंगे। लंबे वक्त से मौत से जंग लड़ रहे वाजपेयी का गुरुवार शाम 5.05 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उनकी मौत की खबर से न सिर्फ हिंदुस्तान बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में शोक की लहर है। अटल को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है, हर कोई इस महान आत्मा के अंतिम दर्शन करना चाहता है। भाजपा मुख्यालय में अटल जी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां हजारों की संख्या में पहुंचे आम से खास लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसके बाद अब उनकी अंतिम यात्रा शुरू हो गई है। शाम करीब 4 बजे दिल्ली स्थित स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

4 बजे होगा अंतिम संस्कार

भाजपा मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखे गए पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। नेताओं से लेकर समर्थक व उनके प्रशंसक अंतिम दर्शन के लिए भाजपा मुख्यालय के बाहर इकट्ठा रहे। हालांकि दोपहर एक बजे अटल जी के पार्थिव शरीर को अंतिम यात्रा के लिए निकाला जाना था, लेकिन लोगों की भीड़ और अटल जी के प्रति लोगों के प्यार व स्नेह के कारण निर्धारित समय पर अंतिम यात्रा नहीं निकाली जा सकी। हालांकि अब उनकी अंतिम यात्रा शुरू हो गई है। हजारों की संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन की आस लगाए सड़कों पर इकट्ठा हैं। शाम करीब 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

दुख की इस घड़ी में भारत के साथ मॉरीशस

इस दुख की घड़ी में भारत के साथ मॉरीशस खड़ा हुआ है। अटल जी के निधन के शोक से मॉरीशस भी आहत है। उसने भी भारत के साथ अटल जी के सम्मान में अपने राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया है। मॉरीशस सरकार ने निर्णय लिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन के चलते सरकारी भवनों पर लहराता भारत और मॉरीशस का राष्ट्रीय ध्वज पर आधा झुका रहेगा।

अंतिम संस्कार में शामिल होंगे विदेशी नेता

– श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरीला, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली और नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावाली दिल्ली पहुंचे हैं। ये सभी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में होंगे शामिल।

4 बजे स्मृति स्थल पर अटल जी का अंतिम संस्कार होगा। अटल जी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के हजारों की संख्या में लोग स्मृति स्थल पहुंचे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम।

– अटल जी की अंतिम यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी शामिल। वे अंतिम यात्रा के साथ पैदल स्मृति स्थल की ओर बढ़ रहे हैं।

– भाजपा मुख्यालय से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा शुरु। पीएम नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी अंतिम यात्रा में मौजूद।

– मुलायम सिंह यादव ने भी भाजपा दफ्तर पहुंचकर अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

– भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी उनके साथ मौजूद रहे।

– दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम सीएम मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

– भाजपा दफ्तर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

– भाजपा मुख्यालय पहुंचा अटल जी का पार्थिव शरीर। भाजपा दफ्तर में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के तामम नेता।

 भाजपा दफ्तर के बाहर वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े हजारों की संख्या में लोग।

– भाजपा मुख्यालय के बाहर अटल जी के अंतिम दर्शन के लिए लगी लोगों की लंबी लाइनें।

– आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु ने वाजपेयी निवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

– कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित अटल निवास पर पहुंचकर वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

अलविदा अटल…किसने क्या कहां?

– अटल जी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, ‘मैंने 6 साल तक उनके साथ काम किया। एक प्रधानमंत्री होने बावजूद वह काफी सरल थे, उन्होंने सभी के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया। उन्होंने एक बार कहा कि हम कश्मीर के संकट को संविधान की नहीं बल्कि मानवता की सीमाओं के भीतर हल करेंगे, इन शब्दों के साथ उन्होंने कश्मीरियों का दिल जीत लिया था।’

– सीपीआइ(एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘यह अटल जी की विशेषता थी कि उन्होंने कभी राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों के कारण मानवता को नुकसान नहीं पहुंचाया। आज देश में इस तरह के सिद्धांतों की जरूरत है।’

– भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक आस्क्विथ ने कहा, ‘वह (अटल बिहारी वाजपेयी) एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे जिनके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है और यह भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है। मैं उनके जैसे बेहतरीन आदमी को अपना सम्मान देना चाहता था।’

– बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने कहा, ‘हम उन्हें बांग्लादेश की स्वतंत्रता में उनके योगदान और बांग्लादेश के लोगों के मजबूत समर्थन के लिए याद करते हैं। उन्हें बंगाली संगीत बहुत पसंद था। जब वह विदेश मंत्री बने तो मुझे दिल्ली में राजनयिक के रूप में सेवा करने का मौका मिला।’

– जाने-माने फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने कहा, ‘मैंने 2006 में एक बार उनसे (अटल बिहारी वाजपेयी) मुलाकात की थी। वह एक बहुत अच्छे वक्ता थे। भारतीय राजनीति में उनकी अनुपस्थिति को किसी और के द्वारा भरा नहीं जा सकता है, वह हर किसी के लिए एक रोल मॉडल रहे हैं और अपनी कविता, भाषण और व्याख्यान के माध्यम से कई लोगों को प्रेरित भी किया है।’