एलटी ग्रेड शिक्षक के 10768 पदों पर भर्ती, जल्दी करें आवेदन

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लोक सेवा आयोग की सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक (एलटी ग्रेड) परीक्षा 2018 के लिए ऑनलाइन आवेदन गुरुवार से शुरू हो गया। इस भर्ती में 10768 पद हैं। इनमें से 5364 पद पुरुष और 5404 पद महिला शाखा के हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए शुल्क 12 अप्रैल तक जमा होगा जबकि आवेदन पत्र 16 अप्रैल तक सबमिट किए जा सकेंगे।

पदों की संख्या के लिहाज से यह आयोग की अब तक की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा होगी। आयोग के इतिहास में अब तक कोई ऐसी भर्ती नहीं हुई, जिसमें इतनी अधिक संख्या में पद रहे हों। इस भर्ती के लिए आयु की गणना एक जुलाई 2018 को आधार मानकर की जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा 21 और अधिकतम 40 वर्ष निर्धारित की गई है। आयोग के परीक्षा कैलेंडर में यह भर्ती परीक्षा छह मई को प्रस्तावित की गई है।

परीक्षा में पूछे जाएंगे 150 प्रश्न
इस परीक्षा में 150 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। 150 प्रश्न दो भागों में होंगे। पहले भाग में सामान्य अध्ययन के 30 प्रश्न होंगे जबकि दूसरे भाग में परीक्षार्थी के विषय से संबंधित 120 प्रश्न होंगे। इसके लिए दो घंटे का वक्त मिलेगा। सामाजिक विज्ञान मुख्य विषय में चार खंड होंगे। जिसमें भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र के प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक खंड में 60-60 प्रश्न होंगे। परीक्षार्थियों को किन्हीं दो खंडों का चयन कर उनके प्रश्नों का उत्तर देना होगा।

इंटरव्यू नहीं, होगी माइनस मार्किंग
आयोग की पीसीएस सहित अन्य भर्तियों की तरह इस भर्ती में भी माइनस मार्किंग की व्यवस्था लागू की जाएगी। खास बात यह है कि इस भर्ती में इंटरव्यू नहीं होगा। चयन लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर किया जाएगा।

जीएस में होंगे गणित के भी सवाल
सामान्य अध्ययन (जीएस) में हाईस्कूल स्तर के प्रारंभिक गणित के भी सवाल होंगे। इसके साथ ही भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, भारत एवं विश्व का भूगोल, भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल, भारतीय राजनीति एवं शासन, संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायतीराज, लोकनीति एवं आधिकारिक मुद्दे, भारतीय अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक विकास, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाओं तथा सामान्य विज्ञान से भी जुड़े प्रश्न होंगे।

फर्जीवाड़े के बाद बदली व्यवस्था
एलटी ग्रेड शिक्षकों की पूर्व की भर्तियों में धांधली और फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी पाने की ढेरों शिकायतें सामने आईं थीं। इसी भर्ती में शैक्षिक अभिलेख को बदलने का मामला भी उजागर हुआ था। यही वजह थी कि प्रतियोगी छात्रों की ओर से इस भर्ती को एकेडमिक मेरिट के बजाए लिखित परीक्षा के माध्यम से कराने की मांग की गई थी। जिस पर भाजपा सरकार ने अमल करते हुए फैसला लिया था।