आंध्र प्रदेश के विभाजन पर बोले टीडीपी नेता, कांग्रेस ने संसद में मचाया हंगामा

sansad bhwan

नई दिल्‍ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है। मगर विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। लोकसभा और राज्‍यसभा स्‍पीकर की चेतावनियों के बावजूद विपक्ष के रुख में बदलाव नहीं आया है। आज भी दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ। इसकी वजह से लोकसभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक के लिए और फिर पूरे दिन के लिए स्‍थगित कर दिया गया। वहीं राज्‍यसभा की कार्यवाही को भी पहले दो बजे तक के लिए और फिर पूरे दिन भर के लिए स्‍थगित करना पड़ा।

आंध्र प्रदेश के विभाजन को लेकर टीडीपी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री वाइएस चौधरी के बयान को लेकर कांग्रेस ने राज्‍यसभा में जोरदार प्रदर्शन किया। सदन में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान 2014 में हुए आंध्र प्रदेश के विभाजन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच तीखी बहस छिड़ गई।

चौधरी ने टीडीपी के एक अन्य सदस्य अशोक गजपति राजू के साथ आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के विरोध में कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

टीडीपी भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की साझेदार पार्टी है, लेकिन आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा नहीं दिए जाने को लेकर पार्टी ने भाजपा पर वादे से मुकर जाने का आरोप लगाया है। जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि वह आंध्र प्रदेश को विभिन्न स्वरूपों में वित्तीय सहायता मुहैया करा रही है।

सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद सदन के नियम 241 के अनुसार चौधरी सदन को यह बताने के लिए खड़े हुए कि उन्होंने सरकार से इस्तीफा क्यों दिया। चौधरी ने अपने लिखित संबोधन से इतर यूपीए सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश का विभाजन करने को अन्यायपूर्ण, जल्दबाजी में उठाया गया और अनैतिक फैसला बताया।

चौधरी के बयानों से कांग्रेस के सदस्य भड़क गए और कुछ कांग्रेसी सांसदों ने चौधरी के बयानों पर आपत्ति जताते हुए सभापति के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही पहले दो बजे तक के लिए और फिर पूरे दिन के लिए स्‍थगित कर दी गई। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व सांसद हमीदा हबीबुल्ला को श्रद्धांजलि दी गई। उनका दो दिन पहले निधन हो गया था। वह 101 वर्ष की थीं।

वहीं आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्‍य के दर्जे के दर्जे की मांग को लेकर आज भी संसद भवन में विरोध-प्रदर्शन जारी रहा। एआएडीएमके के सांसदों ने कावेरी मुद्दे को लेकर एक बार फिर संसद भवन में प्रदर्शन किया।

एक दिन पहले लोकसभा में बिना चर्चा के वित्‍त विधेयक 2018 को सरकार ने पास कर दिया था। इसको लेकर भी विपक्ष नाराज हैं और इसे लोकतंत्र की हत्‍या करार दिया है। पिछले कई सालों में यह पहली बार हुआ है, जब बिना किसी चर्चा के किसी बिल को पास कर दिया गया।

सदन ने ध्वनिमत से विपक्ष के विभिन्न कटौती प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया। साथ ही 21 सरकारी संशोधनों को पारित किया। इसके बाद वित्त विधेयक 2018 को राज्यसभा में भेजा जाएगा। चूंकि यह धन विधेयक है, ऐसे में राज्यसभा में 14 दिन में मंजूर नहीं होने की स्थिति में भी इसे पारित माना जाएगा। उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।